हीमोग्लोबिन
A1C / HbA1C परीक्षण
हीमोग्लोबिन
A1C अथवा
HbA1C जांच ब्लड-ग्लुकोज का पता लगाने के लिए की जाती है । इससे पता
चल जाता है कि पिछले 2 से 3 महिनों के दौरान आपका औसत
ब्लड ग्लुकोज क्या था । साल में
कम से कम 2 बार यह
जांच अवश्य कराएं । अपने
चिकित्सक से यह भी पुछें की आपके A1C जांच में क्या आया है ? जांच का परिणाम 7 से नीचे होने से स्पष्ट हो
जाता है कि आपका उपचार सही चल रहा है और ब्लड ग्लुकोज नियंत्रण में है । लेकिन
यदि आपके A1C का स्तर
ज्यादा है तो ब्लड-ग्लुकोज बहुत ज्यादा हो सकता है और इसके कारण किडनी खराब होने
का अंदेशा रहता है । ऐसे में
भोजन, शारीरिक
क्रियाशीलता एवं मधुमेह की दवा में बदलाव की जरूरत होती है । इसी विषय
पर यह भी देखें- बचाव
छुपे हुए महारोग - मधुमेह (शुगर / डायबिटीज) से
दही और
डायबिटीज
एक शोध से पता चला कि दही का सेवन करने से डायबिटीज का खतरा कम हो
सकता है । दरअसल दही और पनीर जैसे खाद्य पदार्थों में ऐसी तत्व होते हैं जिनसे
डायबिटीज होने के आसार कम हो जाते हैं । डायबिटोलॉजिया जर्नल में छपी एक शोध के
अनुसार दही के नियमित सेवन से डायबिटीज टाइप 2 का जोखिम 28 प्रतिशत
तक कम हो जाता है। यह भी मधुमेह
(डायबिटीज) से बचाव हेतु लक्ष्य पर नजर रखें
दिल की बीमारियों से कैसे बचें डायबिटीज के रोगी
दिल की बीमारियों से कैसे बचें डायबिटीज के रोगी
डायबिटीज के रोगियों के लिए दिल की बीमारियों से बचने का सबसे अच्छा
तरीका है डायबिटीज को नियंत्रित रखें। सप्ताह में 5 दिन आधे घंटे व्यायाम करने से टाइप 2 डायबिटीज होने के 50% चांस कम हो जाते हैं । इसके
अलावा जिन लोगों को डायबिटीज होता है वो अपने रक्तचाप पर भी नियमित रूप से नजर
रखें । हाई
ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) से बचाव.
धूम्रपान छोड़ें
निकोटिन का बुरा असर रक्त वाहिकाओं पर पड़ता है । जिन लोगों को
डायबिटीज है उनपर भी इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है । आप डायबिटीज की समस्या को
तो समाप्त नहीं कर सकते लेकिन आप धूम्रपान की वजह से उसमें होने वाले नुकसान को कम
कर सकते हैं । यह देखें सत्यानाशी
सिगरेट
ब्लड
प्रैशर को नियंत्रित रखें
हाई ब्लड-प्रेशर से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है । साल में कम से
कम दो बार ब्लड प्रेशर टेस्ट अवश्य कराएं । अगर आपका ब्लड-प्रेशर 130/80 से अधिक
है तो इस पर नियंत्रण लाएं ।
कम नमक वाला खाना खाएं । शारीरिक गतिविधि जैसे योग करना, चलना, स्वीमिंग
करना बढ़ाएं । जरूरत
पड़ने पर अपने डॉक्टर से सलाह लेकर इसके लिए दवा भी ले सकते हैं।
फल
ताजे मौसमी फल विशेष रूप से उच्च फाइबर फल डायबिटीज से ग्रस्त
लोगों के आहार का हिस्सा होना चाहिए। पपीता, सेब, संतरा, नाशपाती और अमरूद ऐसे फल है
जो डायबिटीज में ब्लड शुगर को सुरक्षित स्तर तक बनाए रखते हैं। जबकि उच्च शर्करा
से युक्त फल (जैसे आम, केले, और अंगूर) ब्लड शुगर के स्तर
को बढ़ा देते हैं इसलिए इन फलों का सेवन बहुत ही कम किया जाना चाहिए।
क्या
नहीं खाना चाहिए
कुछ प्रकार के खाद्य पदार्थ डायबिटीज में चीजों को और भी बदतर बना
सकते हैं। इसलिए डायबिटीज रोगियों को केक और मिठाई में मौजूद कृत्रिम मिठास से
सावधान रहना चाहिए। इसी तरह से शराब के सेवन को भी कम करें । बेहतर तो
यही रहेगा कि आप शराब के सेवन से पूरी तरह बचें, क्योंकि शराब मे मौजूद कैलोरी की मात्रा डायबिटीज
के लिए अच्छी नहीं होती ।
इन्हें
खा सकते हैं
मधुमेह के रोगियों को खानपान को लेकर कई भ्रम होता है जिसके कारण वे
ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित रखने वाले आहारों का सेवन करने से बचते हैं ।
डायबिटिक्स के लिये चना या फिर बेसन बहुत फायदेमंद है, क्योंकि इसमें फाइबर के
साथ शरीर के लिए जरूरी विटामिन भी पाये जाते हैं । डायबिटीज के रोगी अपने डाईट
चार्ट में दाल ले सकते हैं,
इसमें फाइबर, प्रोटीन
और विटामिन होता है जो ब्लड-शुगर को नियंत्रित करता है । इसके
अलावा करेला, मेथी, भिंडी लौकी का सेवन करना
मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद है।
चक्कर
आना
चक्कर आना या अस्थिरता महसूस करना निम्न रक्त शर्करा या
हाइपोग्लाइसीमिया (hypoglycaemia)
का एक लक्षण है। मस्तिष्क को ठीक ढंग से काम करने के लिए ग्लूकोज की
आवश्यका होती है और रक्त शर्करा में कमी खतरनाक हो सकती है। फलों के रस का एक
गिलास रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाने के लिए एक अल्पकालिक समाधान होता है, लेकिन ऐसी स्थिति में
डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
लगातार प्यास लगना व पेशाब आना
लगातार प्यास लगना व पेशाब आना
लगातार प्यास लगना व पेशाब आना हाई ब्लड-शुगर लेवल के दो प्रमुख
संकेत होते हैं । जब किडनी शुगर को बाहर निकाने के लिए मेहनत कर रही होती है, वे ऊतकों से अधिक चीनी भी
निकाल रही होती है । जिस कारण
पेशाब अधिक आता है । प्यास
निकल चुके तरल की भरपाई का संकेत होती है ।
अतः उपरोक्त खान-पान, समयानुसार जांच व शरीर की सक्रियता को बनाये रखते हुए डाईबिटिज
के रोगी भी और 55 वर्ष की
उम्र से अधिक के स्त्री-पुरुष भी सतर्क रहें और स्वस्थ व दीर्घ जीवन का आनंद लें ।
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