हमारे
घरों की रसोई में लगभग हमेशा उपलब्ध रहने वाला खाने का सोडा जिसे बोलचाल की भाषा
में हम मीठा सोडा और बेकिंग सोडा के रुप में भी जानते हैं, इसके
रसोई के वास्तविक उपयोग तो शायद गृहिणियाँ ही बेहतर बता सकती हैं किन्तु हममें से
अनेकों लोग इसका प्रयोग बदहजमी की स्थिति में इसके एक चम्मच से भी कम पाउडर को एक
गिलास पानी में घोलकर व उसमें नींबू का रस मिलाकर पीने के बाद अपनी बदहजमी, खट्टी
डकार व पेट की ऐसी ही अन्य गडबडियों से राहत पाने हेतु अक्सर करते रहते हैं ।
इसी बेकिंग सोडा या खाने वाला (मीठा) सोडा के बारे में इन्टरनेट पर
व्यवस्थित सर्च करने बैठें तो और भी इसके अनेकों प्रयोग व गुण सामने पा सकते हैं, किंतु
फिलहाल जो जानकारी इसके बारे में मिल रही है वह चमत्कारिक रुप से कैंसर जैसी भयावह
बीमारी से रोगमुक्त कर सकने के इसके गुणों के रुप में भी हमारे सामने आ रही है ।
जिसे आप भी नीचे पढकर बहुत कुछ इस विषय में इसकी उपयोगिता के बारे में समझ सकते
हैं ।
कैंसर के मरीजों के लिए
बड़ी राहत वाली खबर-
दुनियाभर के वैज्ञानिक
जिस बीमारी का नित नये अनुसंधानों द्वारा सरल व सस्ता इलाज सालों से ढूंढ रहे हैं
उसका विकल्प खाने वाले सोडे के रुप में मिल
चुका है । दुनिया भर में कैंसर के इलाज
के नये तरीके खोजने की कोशिश में अरबों रुपए पानी की तरह बहाए जाने के बावजूद कोई भी
दवा पूरी
तरह से कैंसर को जड़ से खत्म करने में नाकाम ही साबित हुई है । अब तक बाजार
में जो दवाएं मौजूद हैं, वो सिर्फ
कैंसर को बढ़ने से रोक पाती हैं । रोग को जड से समूल नष्ट नहीं कर पाती हैं ।
समाचारों के मुताबिक अमेरिका के
लडविंग इंस्टीट्यूट फॉर कैंसर रिसर्च में अमेरिकी वैज्ञानिकों के दल ने हाल ही
में कुछ नए शोध किए । इस टीम की अगुवाई मशहूर कैंसर वैज्ञानिक और जॉन
हॉप्किंग यूनिवर्सिटी के आँकोलॉजिस्ट (कैंसर विशेषज्ञ) डॉ. ची वान डैंग ने की
। उन्होंने कहा कि हम सालों तक रिसर्च कर चुके हैं और अब तक कैंसर के जो भी
इलाज मौजूद हैं, वो काफी महंगे हैं । हमने जो शोध किया उसमें चौंकाने वाले
नतीजे सामने आए हैं और वो हमारे घरों की रसोई में रखा बेकिंग सोड़ा है जो कैंसर के
निदान के लिए भी रामबाण
औषधि है ।
डॉ. डैंग के मुताबिक- हमने बेकिंग
सोडा पर लंबी रिसर्च की और जो परिणाम हमने अब तक सिर्फ सुने थे वो प्रमाणित
हो गए । उन्होंने बताया कि यदि कैंसर का मरीज बेकिंग सोडा पानी के साथ
मिलाकर पी ले तो कुछ ही दिनों में इसका असर दिखने लगेगा । उन्होंने बताया
कि कीमोथेरेपी और महंगी दवाओं से भी तेजी से बेकिंग सोडा ट्यूमर सेल्स
को न सिर्फ बढ़ने से रोकता है, बल्कि
उसे खत्म भी कर देता है ।
डॉ. डैंग
ने पूरी जानकारी देते हुए बताया कि हमारे शरीर में हर सेकण्ड लाखों सेल्स
खत्म होते हैं और नए सेल्स उनकी जगह लेते हैं । लेकिन कई बार नए सेल्स
के अंदर खून का संचार रुक जाता है और ऐसे ही सेल्स एक साथ इकट्ठा हो जाते
हैं, जो
धीरे-धीरे बढ़ते रहते हैं और उनकी इसी वृद्धि को समूह में हम ट्यूमर के रुप में
जानते हैं । उन्होंने बताया
कि हमने ब्रेस्ट और कोलोन कैंसर के ट्यूमर सेल्स पर बेकिंग सोडा के प्रभाव
की जांच की और हमने पाया कि बेकिंग सोडा वाला पानी पीने के बाद जिस तेजी
से ट्यूमर सेल्स बढ़ रहे तो वो काफी हद तक रुक गए ।
उन्होंने बताया, ट्यूमर
सेल्स में आक्सिजन पूरी तरह खत्म हो जाती है, तो उसे मेडिकल भाषा में हिपोक्सिया कहते
हैं । हिपोक्सिया की वजह से तेजी से उस हिस्से का पी एच
लेवल गिरने लगता है और ट्यूमर के ये सेल एसिड बनाने लगते हैं । इस एसिड
की वजह से पूरे शरीर में भयंकर दर्द शुरू हो जाता है । अगर इन सेल्स का तुरंत
इलाज न किया जाए तो ये कैंसर सेल्स में तब्दील हो जाते हैं । डॉ. डैंग
के मुताबिक, बेकिंग
सोडा मिला पानी पीने से शरीर का पी एच लेवल भी मेंटेन रहता है और एसिड वाली समस्या न के बराबर
होती है । डॉ. डैंग ने बताया कि कई
बार कीमोथेरेपी के बावजूद भी ऐसे कैंसर सेल्स शरीर में रह जाते हैं, जो बाद
में दोबारा से शरीर में कैंसर सेल्स बनाने लगते हैं । इन्हें T सेल्स
कहते हैं । इन T सेल्स को नाकाम सिर्फ
बेकिंग सोडा से ही किया जा सकता
है ।
डॉ. वॉन डैंग ने कहा कि पहले भी ये बात आप सुन चुके होंगे कि बेकिंग सोडा
कैंसर समेत कई बीमारियों का
इलाज है । लेकिन अब हम प्रमाणिक तौर पर कह सकते हैं कि कैंसर का सबसे सस्ता
और अच्छा इलाज बेकिंग सोडा से मिला पानी है । उन्होंने बताया कि जिन लोगों
पर हमने प्रयोग किए उन्हें दो हफ्तों तक पानी में बेकिंग सोडा मिलाकर दिया
और सिर्फ 2 हफ्ते
में उन लोगों की ट्यूमर सेल्स लगभग खत्म हो गई !
उपरोक्त जानकारी के आधार पर हम यह बिल्कुल सोच सकते हैं कि कैंसर
जैसे घातक रोग जिसमें इलाज के दर्द व खर्च की अधिकता से मरीज और उसका परिवार जिन
त्रासद स्थितियों में रहते हैं उससे शीघ्र मुक्ति पाने की दशा में हजारों रु. के
खर्चों के साथ ही दवाईयों में दो घंटे का निश्चित अंतराल रखते हुए सिर्फ दो रु. के
इस बेकिंग सोडा को भी एक गिलास पानी में 1 चम्मच व लाभ दिखने पर डेढ चम्मच मात्रा
में मिलाकर दिन में पहले एक बार व बाद में दो बार प्रतिदिन अवश्य पिलाकर देखना व
इसके उपचार की ताकत का लाभ अवश्य उठाना चाहिये ।
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