होटल की घी चुपडी रोटी...?
आप
ये जानकर चौंक जाएंगे कि कई होटलों में जो रोटी आपको परोसी जाती है, उस पर लगा घी, घी नहीं बल्कि सूअर की चर्बी है । जी
हां, सूअर की चर्बी में
एसेंस मिलाकर बनाए गए इस घी से पका खाना आपको खिलाया जा रहा है ।
एसेंस
डालने के बाद आप पहचान नहीं सकते कि आखिर क्या खा रहे हैं । इसी का फायदा उठाकर
होटल वाले अपनी जेब भर रहे हैं और बदले में आपको दे रहे हैं पेट की तमाम बीमारियों
का उपहार ।
इन्दौर व इससे लगी सीमाओं में ऐसे करीब 80 पशुपालन केंद्र हैं, जहां सूअर पाले जाते हैं । ये ही शहर के
होटलों में इनकी चर्बी और मांस की सप्लाई करते हैं । केवल इंदौर ही नहीं, आसपास के तमाम शहरों जैसे उज्जैन, रतलाम, नागदा, धार,
देवास, की होटलों में भी यही चर्बी पहुंचाई जा
रही है ।
इंदौर
सूअर पालक संघ के अध्यक्ष विमल डागर स्वीकारते हैं कि कई होटलों में सुअर की चर्बी
पहुंचाई जाती है । इसमें मिलाया जाने वाला एसेंस सियागंज में बड़ी आसानी से मिल
जाता है । उन्होंने बताया कि इस प्रकार बनाए गए नकली घी का स्वाद और सुगंध बिल्कुल
असली जैसी होती है ।
ऐसे निकालते हैं
चर्बी...
सूअर
एक ऐसा प्राणी है जो एक बार में 12 या अधिक बच्चों को
जन्म देता है । इन्हें पालने वाले एक निश्चित उम्र के बाद सूअर के अंडकोषों को बड़ी
बेरहमी से काट देते हैं । इसके बाद इनके पेट में लगातार चर्बी बनती जाती है । कुछ
दिनों बाद या तो वह दम तोड़ देता है या फिर उसे मार दिया जाता है । फिर उसकी चर्बी
निकाली जाती है । इस तरह के सूअर से 20 किलो तक चर्बी निकल
जाती है । अमूमन 5 हजार रुपए की कीमत
वाला एक सूअर मरने के बाद 50 हजार रुपए तक दे जाता
है । इसके अन्य अंग भी बेच दिए जाते हैं ।
एक होटल पर की थी
कार्रवाई...
करीब
तीन साल पहले सरवटे बस स्टैंड क्षेत्र की एक नामी होटल पर नगर निगम के खाद्य विभाग
ने छापा मारा था । यहां से 250 किलो चर्बी जब्त की
गई थी । इस होटल के संचालक के राजनीतिक गुरु ने अपनी कृपा बरसाई और बाद में फिर उस
पर कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई ।
बड़े नुकसान हैं इस
तरह का घी खाने से...
डॉक्टरों
का कहना है कि यदि आपने एक महीने में आठ से दस बार भी होटल का ऐसा घी खाया तो, आप कुछ ही वर्षों में अल्सर, अपेंडिक्स, आंतों का सड़ना या एक दूसरे में फंस जाना, पाचन क्रिया का पूरी तरह डैमेज हो जाना
जैसी गंभीर बीमारियों के शिकार बन सकते हैं । वेटरनरी सर्जन डॉ. सी. के. रत्नावत
के अनुसार इससे होने वाले नुकसान यहीं तक नहीं थमते, बल्कि
पैरालेटिक अटैक और कई तरह के इंफेक्शन भी हो सकते हैं । यह इसके खाने वालों को
नींद न आने की बीमारी भी दे सकता है ।
क्या कहते हैं
जिम्मेदार...
सूअर
की चर्बी का व्यवसाय बहुत फैला है । सूअर का हर अंग बिकता है । इंदौर में 80 से अधिक सूअर पालक हैं, जिनके पास डेढ़ लाख से अधिक सूअर हैं ।
इन्हें निर्यात भी किया जाता है ।
हमारे पास कोई अधिकार
नहीं
तीन
साल पहले तक हम होटलों में इस तरह का पदार्थ बिकने के मामले में कार्रवाई करते थे
लेकिन अब ये कलेक्टोरेट के खाद्य विभाग की जिम्मेदारी है । तीन साल पहले सरवटे बस
स्टैंड की होटलों में सघन अभियान चलाया था और बड़ी मात्रा में चर्बी पकड़ी थी ।
स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम.
अब यह तो आपको व हमें
ही सोचना है कि इन स्थितियों में हमें अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिये
कैसे अपना बचाव सोचना चाहिये क्योंकि यदि मुनाफाखोरी की यह स्थिति होटलों तक पहुँच
गई है तो शादी-ब्याह के पंडाल में भी ऐसा भोजन शंका के दायरे में तो आ ही जाता है
।
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