हमारे शरीर संचालन में शरीर का
अशुद्ध होते रहने वाला रक्त जो ह्रदय तक पहुँचता है वो ह्रदय में मौजूद वाल्व
प्रक्रिया से शुद्ध होकर वापस शरीर में परिभ्रमण करता है और इस प्रकार रक्त
परिभ्रमण की ये प्रक्रिया जब तक हमारा जीवन है चलती रहती है । किन्तु जब ह्रदय में
मौजूद वाल्व में अशुद्ध रक्त पहुँचता तो है किन्तु वहाँ से फिल्टर होकर वापस
शरीरसंचरण हेतु निकल नहीं पाता तब उस अशुद्ध रक्त के ह्रदय में निरन्तर बढते दबाव
से उत्पन्न वह दर्दनाक परिस्थिति जो रोगी का जीवन भी समाप्त कर दे उसे हम
हार्ट-अटैक के रुप में जानते-समझते हैं, और जिस भी स्त्री-पुरुष के शरीर
में हार्ट-अटैक की यह स्थिति बन जाती है डाक्टर उसका प्राथमिक उपचार
एंजियोप्लास्टी आपरेशन मरीज का जीवन बचाने के लिये करते हैं जिसका सामान्य खर्च
लगभग 3 से 5 लाख रु. तक मरीज के परिजनों को
वहन करना पडता है ।
Read Also-
Read Also-
भगवान न करे कि आपको कभी जिंदगी मे हार्ट-अटैक आए । लेकिन अगर आ गया तो ? आपको डाक्टर के पास जाना ही पडेगा और आपको मालूम होगा कि इस एंजियोप्लास्टी आपरेशन में डाक्टर दिल की नली मे एक स्प्रिंग (spring) डालते हैं ! जिसे stent (स्टेंट) कहते हैं और ये stent (स्टेंट) अमेरिका से आता है जहाँ इसकी लागत (cost of production) सिर्फ 3 डालर की होती है जिसके यहाँ काम में लेने पर रोगी या उसके परिजनों को लाखो रुपए का भुगतान करना पडता है ।
जबकि इसका आयुर्वेदिक इलाज बहुत बहुत ही सरल है । पहले आप यह
समझ लीजिये कि ये (angioplasty) एंजियोप्लास्टी आपरेशन कभी किसी का सफल नहीं होता क्यूंकि
डाक्टर जो spring दिल की नली मे डालता है वो spring बिलकुल pen के spring की तरह होता है और कुछ दिनों
बाद उस spring की दोनों side आगे और पीछे फिर blockage जमा होनी शुरू हो जाती है तब
फिर दूसरा attack आता है और डाक्टर आपको फिर कहता है angioplasty आपरेशन करवाओ या फिर
एंजियोग्राफी आपरेशन करवालो । इस तरह आपके लाखो रूपये लुट जाते है और आपकी ज़िंदगी
इसी मे निकल जाती है।
अब समझिये इसका आयुर्वेदिक इलाज-
हमारे देश भारत मे लगभग 3000 साल पहले एक बहुत बड़े ऋषि हुये
थे उनका नाम महर्षि वागवटजी था । उन्होने अष्टांग-हृदयम नामक पुस्तक लिखी थी और इस
पुस्तक मे उन्होने बीमारियो को ठीक करने के हजारों सूत्र लिखे थे । ये भी उनमे से
ही एक सूत्र है, इसमें
वागवटजी लिखते है कि कभी भी ह्रदय को घात हो रहा हो, मतलब दिल की नलियो मे ब्लाकेज (blockage)
होना शुरू
हो रहा हो तो इसका मतलब है कि रक्त (blood) मे acidity
(अम्लता)
बढ़ी हुई है ।
अम्लता आप समझते है जिसको अँग्रेजी मे हम एसीडिटी acidity कहते हैं । यह अम्लता दो तरह की होती है जिनमें एक होती है पेट कि अम्लता और दूसरी होती है रक्त (blood) की अम्लता ।
आपके पेट मे अम्लता जब बढ़ती है तो आप कहेंगे पेट मे जलन सी हो रही है, खट्टी डकार आ रही है, मुंह तक चरपरा पानी आ रहा है । जब यही अम्लता (acidity) और बढ़ जाती है तो ये हायपरएसीडिटी hyperacidity कहलाती है और पेट की यही अम्लता बढ़ते-बढ़ते जब रक्त मे आ जाती है तो यह स्थिति रक्त-अम्लता (blood acidity) होती है ।
जब blood मे acidity बढ़ती है तो ये अम्लीय रक्त (blood) दिल की नलियो मे से निकल नहीं पाता और नलियों मे blockage कर देता है, तभी heart attack होता है । इसके बगैर heart attack हो ही नहीं सकता जिसे प्रायः कोई डाक्टर तफतीस से आपको नहीं बताते, क्यूंकि इसका इलाज अत्यन्त सरल है ।
इलाज क्या है ?
वागबटजी लिखते है कि जब रक्त (blood) मे अम्लता (acidty) बढ़ जावे तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करें जो क्षारीय हैं । आप जानते होंगे की हमारी खाद्य सामग्री में दो तरह की चीजे होती है 1. अम्लीय और 2. क्षारीय. (acid and alkaline)
वागबटजी लिखते है कि जब रक्त (blood) मे अम्लता (acidty) बढ़ जावे तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करें जो क्षारीय हैं । आप जानते होंगे की हमारी खाद्य सामग्री में दो तरह की चीजे होती है 1. अम्लीय और 2. क्षारीय. (acid and alkaline)
जब अम्ल और क्षार को मिला दें तो क्या होता है ? neutral होता है ये सब जानते है । तो वागबट जी लिखते है कि रक्त में अम्लता यदि बढ़ी हुई है तो क्षारीय (alkaline) चीजे खाने-पीने से रक्त की अम्लता (acidity) समाप्त हो जाएगी और फिर heart attack की जिंदगी मे कभी संभावना ही नहीं बचेगी । अब आप जानना चाहेंगे कि ऐसी कौन सी चीजे है जो क्षारीय हैं और इस स्थिति में हमें खाना चाहिये ?
आपके रसोई घर मे सुबह से शाम तक ऐसी बहुत सी चीजे है जो क्षारीय होती हैं और जिन्हें यदि आप खाने-पीने के नियमित क्रम में शामिल कर लेंगे तो heart attack की कोई संभावना ही बाकि नहीं बचेगी ।
सबसे ज्यादा आपके घर मे जो क्षारीय चीज है वह है लौकी जिसे हम english मे bottle gourd कहते हैं और इसे आप सब्जी के रूप मे खाते है । इससे ज्यादा कोई क्षारीय चीज नहीं है । तो आप रोज लौकी का रस निकाल कर पिएँ या कच्ची लोकी खाएँ ।
आपने स्वामी रामदेवजी को कई बार कहते सुना होगा कि लौकी का जूस पिओ । इस बाबद खबर यहाँ तक है कि लगभग तीन लाख से ज्यादा लोगों को उन्होने लोकी का जूस पिला-पिला कर ठीक कर दिया है और उसमे हजारों ऐसे डाक्टर भी हैं जिन्हें खुद heart attack होने वाला था । ये डाक्टर भी वहाँ जाते हैं और उनका यही लौकी का रस 3-4 महीने पी-पी कर स्वस्थ होकर आते हैं और फिर उनके clinic पर बैठ जाते हैं । वे किसी को बताते नहीं कि हम कहाँ गए थे ! बल्कि किसी के पूछने पर कहते हैं कि हम न्यूयार्क-जर्मनी गए थे आपरेशन करवाने जबकि वो रामदेवजी के वहाँ गए थे और 3 महीने लौकी का रस पीकर आए हैं ! वो आपको नहीं बताते कि आप भी लोकी का रस पिओ । जबकि रामदेवजी भी लौकी के इस रस को वागवटजी के अध्ययन के आधार पर ही बताते हैं । वागवटजी कहते है कि रक्त की अम्लता कम करने की सबसे ज्यादा ताकत लौकी में ही है, तो आप लोकी के रस का सेवन करें ।
अब प्रश्न यह हो सकता है कि कितना करें ? उत्तर है 200 से 300 मिलीग्राम प्रतिदिन पिएँ । कब पिये ? उत्तर है सुबह खाली पेट (toilet जाने के बाद ) पी सकते है या नाश्ते के आधे घंटे के बाद भी पी सकते है ।
इस लौकी के रस को आप और ज्यादा क्षारीय बना सकते है । इसमे 7 से 10 पत्ते तुलसी के डाल लें । तुलसी बहुत क्षारीय है, इसके साथ आप पुदीने के भी 7 से 10 पत्ते मिला सकते हैं । पुदीना भी बहुत क्षारीय है ! इसके साथ आप काला नमक या सेंधा नमक इसमें जरूर डालें, ये भी बहुत क्षारीय हैं ।
Read Also-
सर्दियों में महिलाओं के लिये विशेष उपयोगी – आंवले का जूस….
लेकिन याद रखे नमक काला या सेंधा ही डाले, वो दूसरा आयोडीन युक्त सफेद नमक कभी न डालें क्योंकि ये आयोडीन युक्त सफेद नमक अम्लीय है । तो मित्रों आप इस लौकी के जूस का सेवन जरूर करें । ये आपकी सारी heart की blockage ठीक कर देगा । 21वें दिन से ही आपको इसका सकारात्मक असर दिखना शुरू हो जाएगा । आपको किसी आपरेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी । घर में ही हमारे भारत के आयुर्वेद से इसका इलाज हो जाएगा और आपका अनमोल शरीर और लाखों रुपए आपरेशन के बच जाएँगे । आप 2-3 महीने ये उपाय करें व सकुशल एंजियोप्लॉस्टी के पैसे बचाने के बाद भले ही किसी गौशाला मे दान कर दें ।
स्व. राजीव दीक्षितजी के संकलन से साभार...
बहुत ही उपयोगी जानकारी ... प्रॉब्लम यही हा की बस इंसान डरता है ... सोचता है अगर ठीक नहीं हुआ तो ..
जवाब देंहटाएंवैसे ये सब आज के विज्ञान के प्रचार का भी नतीजा ज्यादा है .... हम आधुनिक पद्धति पे ज्यादा विश्वास करते हैं ...
श्री नासवाजी,
हटाएंसमस्या चाहे जो हो यदि मसला बीमारी से सम्बन्धित है तो प्रायः मृत्यु एकदम से तो नहीं ही आ पाती है ऐसे में यदि प्राथमिक लक्षण दिखते ही उस समस्या के देशी या आयुर्वेदिक पद्धतियों को अपनाकर उपचार गम्भीरतापूर्वक चालू कर दिया जावे तो बगैर किसी चीर-फाड (शरीर की भी व जेब की भी) के समस्या के समाधान तक पहुँचा तो जा सकता है ।
jaankari achchhi hai ..heart attack ke liye dhamniyon me cholesterol jamne ko jimmedar mana jata hai ..uske liye kya prakaash dalenge..
जवाब देंहटाएंशारदाजी,
जवाब देंहटाएंयदि हम शब्दों के हेर-फेर की भाषा से बचकर सोचें तो धमनियों का यही कोलेस्ट्राल वह दूषित रक्त हो सकता है जिसे हमारे ह्रदय की धमनियां कुशलतापूर्वक पम्प नहीं कर पाती और जो ह्रदय की रक्त नलिकाओं में जमा रह जाता है, इसे ही डाक्टरी भाषा में हम दूषित कोलेस्ट्राल के रुप में जानते समझते हैं ।
बाकलीवाल जी, हमने तो सीधे बायपास ही करवा लिया. अब क्या यह प्रयोग काम आयेगा? और लौकी को जूस के बाजये सीधे सलाद की तरह खाने से भी फ़ायदा होगा? कॄपया बयायें.
जवाब देंहटाएंरामराम.
ताऊजी,
हटाएंबायपास करवा लेने के बाद भी यदि जीवनशैली खान-पान के नजरिये से बगैर किसी परहेज के पूर्ववत ही चलती रहे तो समस्या तो बाद में भी पैदा हो सकती है इसलिये बचाव के रुप में लौकी का ये प्रयोग करते रहने में नुकसान तो कुछ है ही नहीं अप्रत्यक्षतः फायदा जरुर हो सकता है । अब रही बात सलाद रुप में खाने की तो इस लेख में ही कच्ची लौकी खाने की सलाह भी दी ही गई है ।
aapka lek padkar accha laga jankari k liye aapka aabhar hamne abhi apne pitaji ki angioplasty karwayi hai aapne ye kehkar to hame dara hi diya ki angioplasty kisi ki safhal nahi hoti loki ke juice se aage k liye hum satark ho sakte hai kya aur hame ab kya karna chahiye
जवाब देंहटाएंaapka lek bahut accha laga hamne abhi apne pitaji ki angioplasty karwayi hai aapne ye kaha ki angioplasty kisi ka safhal nahi hota hame dara diya.. loki ka juice pitaji k liye kesa rahega aur hame ab kya karna chahiye jisse aage koi prob na ho
जवाब देंहटाएंराहुल देउपा जी.
हटाएंप्रायः एन्जियोप्लास्टी समस्या के तात्कालिक समाधान के लिये करते हैं और उसके कुछ समय बाद (दो-चार साल बाद तक भी) फिर ऐसे मरीजों को एन्जियोग्राफी आफरेशन जिसे संभवतः हम बायपास सर्जरी भी कहते हैं वह करवाना ही पडती है । इसी लिये कई रोगियों व उनके परिजनों को मैंने इस स्थिति में सीधे एिन्जयोग्राफी का निर्णय ही लेते देखा है ।
अलबत्ता आप उपरोक्त लौकी के जूस को एक बार देना प्रारम्भ करें, सूट होने पर तीन माह तक नियमित देते रहें और आगे तो फिर ईश्वर ईच्छा सर्वोपरि है ही.
Sir phle test to krwana pdega ki problem kiya h angiography echo ecg mere yh test krwane ke liya bola h ab hm kiya kre plz advise kre thanks soon reply
हटाएंVery nice & useful information for Heart.
जवाब देंहटाएंsir mere sine main halka dard rahta hai mera ldl colestrol 119 hai kya iski vajah hart ki problam hai
जवाब देंहटाएंकपाल भॉति की तरह मेरी श्वास बाहर फीक रही थी.हायपर एसिडीटी बताकर रेफर किया, ढाई घण्टे के अन्दर मेरी angioplasty बिना बताए परीजनो को डराकर 42वर्ष की आयु मे कर दी,ढाई साल बित गए लेकिन अब तक गले मे और निचले जबडे मे खिचाव होता है बेतार हो गया हू क्रोध,बोझ(३किलो),चलना१.५k.m.,इनसे ज्यादा छमता नही है lvef पहले और आज भी 30% ही है क्रपया अपना सुझाव दे,please
जवाब देंहटाएंKapal bhanti ki tarah meri saans bahr thi hyper acidity batakar mujhe refar KAR diya gaya and 3ghante me meri angioplasty KAR di gayi 42year ki ayu me hi meri angioplasty KAR di gayi angioplasty ko 3year ho chuke hai lekin mera Lvef pehle aur aaj bhi 30% hi hai gale me khichav hota hai bekar sa ho gaya hu.krodh,bojh(3kg)and walk(1.5km)se dur rahna padta hai. Please apna amulya samay dekar kuch sujhav de..
जवाब देंहटाएंVery nice & amazing article!! It would have been great if we could have cost estimate for Coronary Angioplasy in Delhi NCR from top hospitals.
जवाब देंहटाएंसर मेरे दायणे पाव की नस पाच साल से बंद है और मेने दो बार एंजियोप्लास्टी की फिर भी नस नहीं खुल पाती क्या ये उपाय मेरे लिए भी फायदेमंत है
जवाब देंहटाएंऔर क्या में फ्लेक्स कैप्सूल खा सकता हु
Kya is se kharab heart valve bhi thik hota hai.kyuki meri aunty ka heart valve khrab ho gya hai.or usme large blood clod bhi hai.
जवाब देंहटाएंसर यदि एंजियोप्लास्टी करने के बाद इन प्रयोगो को उपयोग में ले सकते है
जवाब देंहटाएंAlternate of angioplasty for 80% blokage of tdr
जवाब देंहटाएंKoi contact number Mile ga?
जवाब देंहटाएंThanks for sharing your blog, its very good content by reading this blog we got cleared our minds.
जवाब देंहटाएंBest cardiologist in Mumbai | Angioplasty procedure in Mumbai