गर्मी के मौसम में हमें अपने शरीर-स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरुक रहने की आवश्यकता होती है क्योंकि धूप की तेज किरणों के बीच अधिक पसीना निकलने के कारण धूप की तपिश, घमौरियां, लू, बुखार इस प्रकार की छोटी-छोटी समस्याएँ स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालती हैं जिससे हमारे सामान्य काम-काज भी बाधित होते हैं ।
इस समस्या से बचाव के लिये सबसे पहले तो हम दही व लस्सी को अपने भोजन में शामिल कर अपनी सामान्य सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं क्योंकि दही शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढाने में सहायक होता है अतः इसके नियमित प्रयोग से न सिर्फ शरीर के खून की व्यवस्थित सफाई होते रहने में मदद मिलती है बल्कि इससे आलस्य दूर होकर तनाव व थकान को दूर करने में भी शरीर को मदद मिलती है ।
वयस्कों में केंसर व पार्किंसन जैसी बीमारियों को जड से मिटाने में भी दही पूरी तरह से सहायक साबित होता है । इसके बेहतर इस्तेमाल के लिये हम दही में थोडा पानी मिलाकर व मथकर इसका प्रयोग करते रह सकते हैं ।
इसके अलावा कुछ विशेष स्थिति में-
पित्त की मात्रा घटाने वाली लस्सी.
सामग्री- आधा कप पनीर, 1 कप दही, 2 कप पानी, आधा चम्मच धनिया पावडर और तीन खजूर.
सामग्री- आधा कप पनीर, 1 कप दही, 2 कप पानी, आधा चम्मच धनिया पावडर और तीन खजूर.
विधि - खजूर के छिलके उतारकर उसे पिसलें फिर इस मिश्रण में पनीर, दही, पानी व धनिया पावडर मिला कर अच्छे से मथलें । यदि गाढा लगे तो कुछ और पानी मिलाकर इसे आवश्यकतानुसार पतला कर इसका सेवन करने से प्यास सामान्य रहती है और लू व निर्जलीकरण की समस्या से बचाव बना रहता है ।
बैचेनी, पेशाब में कमी और कब्ज की समस्या का समाधान करने के लिये-
एक कप दही, एक मध्यम आकार की खीरा ककडी, दो टमाटर, धनिया पत्ती (कोथमीर), आधा नींबू एक चुटकी पीपर और स्वाद अनुसार नमक मिलाकर इस सभी सामग्री को मिक्सर में पीसकर गिलास में डालकर काम में लें । इसके इस्तेमाल से मूत्र में रुकावट व निर्जलीकरण की समस्या दूर होती है और कब्ज की समस्या में इससे राहत भी पाई जा सकती है ।
लेमन जूस-
दो बडे नींबू और आवश्यक शक्कर । दो गिलास पानी में यह नींबू निचोडकर 2 से 4 चाय चम्मच के बराबर (स्वाद अनुसार) शक्कर मिलाकर यह ज्यूस बनाले बने जहाँ तक पानी मिट्टी के बर्तन से ही लें । इसके प्रयोग से न सिर्फ प्यास सामान्य रहेगी बल्कि भूख में कमी, नाक से खून आना (नक्सीर), चिडचिडाहट से राहत दिलवाने के साथ ही अम्लता और अल्सर की समस्या दूर करने में मदद मिलेगी ।
दो बडे नींबू और आवश्यक शक्कर । दो गिलास पानी में यह नींबू निचोडकर 2 से 4 चाय चम्मच के बराबर (स्वाद अनुसार) शक्कर मिलाकर यह ज्यूस बनाले बने जहाँ तक पानी मिट्टी के बर्तन से ही लें । इसके प्रयोग से न सिर्फ प्यास सामान्य रहेगी बल्कि भूख में कमी, नाक से खून आना (नक्सीर), चिडचिडाहट से राहत दिलवाने के साथ ही अम्लता और अल्सर की समस्या दूर करने में मदद मिलेगी ।
संतरे का जूस-
दो संतरों का जूस निकालकर उसमें एक लीटर पानी और दो चम्मच शहद मिलालें । जूस पीने के लिये तैयार है.
इसके प्रयोग से गले के दर्द में राहत, वजन कम करने में मदद और खून आने, जी मचलाने उल्टी जैसी समस्याओं को दूर करने में मददगार है ।
हरे आम (केरी) का पना (झोलिया)-
दो उबली कच्ची केरी, दो चम्मच नमक, आधा चम्मच या स्वेच्छा से लाल मिर्च, चार चम्मच चीनी और तीन चम्मच पुदीने का पत्ता लेकर केरी की गुठली निकालकर गूदा अलग कर उसमें थोडे पानी के साथ उपरोक्त सभी चीजों को इसमें मिला दें । यह पौस्टिक पना (झोलिया) तैयार है.
दो उबली कच्ची केरी, दो चम्मच नमक, आधा चम्मच या स्वेच्छा से लाल मिर्च, चार चम्मच चीनी और तीन चम्मच पुदीने का पत्ता लेकर केरी की गुठली निकालकर गूदा अलग कर उसमें थोडे पानी के साथ उपरोक्त सभी चीजों को इसमें मिला दें । यह पौस्टिक पना (झोलिया) तैयार है.
इसको पीने से गर्मी में लू लगने का डर नहीं रहता और भर गर्मी में भी शरीर राहत का अहसास करता रहता है ।
इसके अलावा भी गर्मी के इस चिलचिलाते मौसम में राहत बनाये रखने के लिये हमें पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के साथ ही नींबू पानी, नारियल पानी जैसे पौष्टिक पेय पदार्थों का सेवन करते रहने के साथ ही मौसमी फल आम, केला, चैरी, तरबूज व खरबूज जैसे गर्मियों से राहत दिलवाने वाले खाद्य़ पदार्थों को अपने नियमित इस्तेमाल में अवश्य बनाये रखना चाहिये ।
अमल करते हैं ।
जवाब देंहटाएं