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कोरोना वायरस की जांच |
कोरोना वायरस का फैलाव-
कोरोना वायरस के संक्रमण से अपने नागरिकों को
सुरक्षित रखने के लिये चीन के साथ ही वे सभी देश जहाँ इससे प्रभावित नागरिक जांच
के दायरे में संक्रमित दिखे हैं वहाँ की सरकारें हर संभव कोशिश कर रही है किंतु
फिर भी इसके संक्रमण से प्रभावित रोगियों की संख्या आंकडों में निरन्तर वृद्धि दिखा
रही हैं और जैसे-जैसे ये संख्या बढ रही है वैसे-वैसे इसके संक्रमण के और अधिक
नागरिकों में फैलते जाने की संभावना बढती जा रही है ।
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कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिये क्या करें ?
आयुर्वेद
के जानकारों के मुताबिक कोरोना वायरस से सामान्य
व्यक्तियों को घबराने की बजाय शुद्ध सात्विक आहार-विहार का पालन करते हुए गिलोय व तुलसी का सेवन करना चाहिये । यही दोनों औषधि किसी भी तरह के वायरस संक्रमण से बचाव के लिए पर्याप्त है । हम किसी भी वायरस को नष्ट तो नहीं कर
सकते किंतु स्वयं का प्रतिरोधक तंत्र इतना मजबूत अवश्य बना सकते हैं कि यदि यह वायरस हमारे
आसपास फैल रहा हो तब भी हमें हानि न पहुंचा सके और इस उद्देश्य के लिए गिलोय और
तुलसी पर्याप्त हैं ।
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कोरोना वायरस का उपचार |
यदि हम ताजी गिलोय के 6 - 7 इंच लंबे तने (डंडी) को चबाते हुए उसका रस निगल लें और एक चम्मच
तुलसी की पत्तियों का रस बराबर का शुद्ध शहद मिलाकर व उसमें दो दाने काली मिर्च का
चूर्ण मिलाकर ले लें तो हमारा प्रतिरक्षा तंत्र निरन्तर बेहतर हो सकेगा ।
यदि किसी भाई को गिलोय को चबाना चूसना व तुलसी की पत्तियों का रस निकालना
सिरदर्दी का काम लगता है तो बाजार से किसी भी सुप्रसिद्ध फार्मेसी की तुलसी घनवटी
और गिलोय सत्व ले आये । दो गोली तुलसी घनवटी की चबाकर ऊपर से एक ग्राम गिलोय सत्व में शहद मिला कर चाट लें । सिर्फ इस प्रयास से कोरोना वायरस ही नहीं बल्कि किसी भी प्रकार के
वायरस के प्रति अभेद्द्य सुरक्षा कवच हमारे शरीर के प्रतिरक्षातंत्र को मिल जाएगा ।
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कोरोना वायरस का प्रसार |
कोरोना वायरस के संदर्भ में–
यह भी ध्यान रखें कि भारत की भौगोलिक परिस्थितियों में बडे से बडा वायरस भी विदेशों के समकक्ष असरकारक नहीं रह
पाता है और उसमें भी यदि आप तुलसी, गौमूत्र अर्क या
उत्तम ताजा देसी गाय का गौमूत्र अथवा हल्दी का यथोचित सेवन
करते रहेंगे तो कोरोना वायरस या कोई भी वायरस आपका कुछ नही बिगाड़ सकेगा भले ही आपके
आसपास कमजोर प्रतिरक्षातंत्र वाले लोग ऐसे वायरस के संक्रमण से पीडित ही क्यों न
चल रहे हों ।
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इसलिये यदि आपके आसपास कोरोना वायरस के फैलाव का कोई भी खतरा यदि दिख
रहा हो तो आप आयुर्वेद उपचार के उपरोक्त दोनें में से किसी भी सुलभ माध्यम का
स्वयं के बचाव के रक्षाकवच के रुप में अवश्य प्रयोग करें ।
विशेष- यदि आपकी जानकारी में इस घातक वायरस के प्रकोप से बचने के और भी प्रमाणित उपचार हों तो आप इस पोस्ट के कमेंट बॉक्स में उसकी जानकारी सभी पाठकों के हित में दे सकते हैं ।
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