जी हाँ !
सामान्य चूना जो हम-आप पान में खाते हैं, उसमें शरीर की अनेकों बिमारियों को ठीक कर सकने की सामर्थ्य होती है...! हम अपने
दैनंदिनी के उपयोग में इसका लाभ इस प्रकार से ले सकते हैं-
चूने की डली का लगभग 100 ग्राम का एक टुकडा किसी मिट्टी के बर्तन मे डालकर चार गुना अधिक पानी
से भर दें और उसे 24 घंटे रखा
रहने दें, चूना
गलकर नीचे और पानी ऊपर आ जायेगा ! यही चूना हमारे सामान्य उपयोग का होता है । आप
इसे पनवाडी या किराना दुकान से बना-बनाया भी तलाश कर ला सकते हैं ।
50 वर्ष की उम्र के बाद कैल्शियम की कोई दवा शरीर मे जल्दी नही घुलती, किन्तु चूना तुरन्त घुल व
पच जाता है ।
यदि किसी को पीलिया रोग (जॉन्डिस) हो जाये तो उसकी
सबसे अच्छी दवा चूना ही है, गेहूँ के
दाने के बराबर चूना गन्ने के रस में मिलाकर पिलाने से बहुत जल्दी पीलिया ठीक हो
जाता है ।
चूना नपुंसकता की भी सबसे निरापद दवा है - अगर किसी के शुक्राणु नही
बनते तो उसको भी गन्ने के रस के साथ चूना लगातार पिलाया जाये तो धीरे-धीरे
शरीर में भरपूर शुक्राणु बनने लगेंगे और जिन माताओं के शरीर में अन्डे नही बनते
उनकी भी बहुत अच्छी दवा है
इसी प्रकार से प्रयोग में लिया जाने वाला ये चूना ।
विद्यार्थियों के लिए चूना बहुत अच्छा है जो न सिर्फ उनकी स्मरणशक्ति
बल्कि लम्बाई भी बढाता है । गेहूँ के दाने के बराबर चूना रोज दही, दाल अथवा पानी में मिला कर
लेते रहने से लम्बाई बढने के साथ-साथ उनकी स्मरण शक्ति भी बहुत अच्छी होती है ।
जिन बच्चों की बुद्धि कम काम करती है, ऐसे मतिमंद बच्चों की भी सबसे अच्छी दवा है चूना, जो बच्चे
बुद्धि से कम है, जिनके
दिमाग देर में काम करते है, देर में
सोचते है, हर चीज
जिनकी स्लो है उन सभी बच्चों को चूना खिलाने से उनकी बुद्धि का विकास निरन्तर
सुधरता चला जायेगा ।
बहनों को अपने मासिक धर्म के समय अगर कुछ भी तकलीफ होती हो तो उसकी
सबसे अच्छी दवा है चूना । हमारे घर में जो माताएं है जिनकी उम्र पचास वर्ष हो गयी
और उनका मासिक धर्म बंद हुआ उनकी सबसे अच्छी दवा है चूना । गेहूँ के दाने के बराबर
चूना हर दिन खाना दाल में, लस्सी
में, नही तो
पानी में घोल के पीना । जब कोई
माँ गर्भावस्था में हो तो चूना रोज खाना चाहिए क्योंकि गर्भवती माँ को सबसे ज्यादा
केल्शियम की जरुरत होती है और चूना केल्शियम का सबसे बड़ा भंडार है । गर्भवती माँ
को चूना खिलाना चाहिए ..अनार के रस में - एक कप रस में चूना गेहूँ के दाने के
बराबर ये मिलाके रोज पिलाइए नौ महीने तक लगातार दीजिये..तो चार फायदे होंगे -
पहला फायदा - माँ को बच्चे के जन्म के समय कोई तकलीफ नही होगी और
नॉर्मल डीलिवरी होगी ।
दूसरा फायदा - बच्चा जो पैदा होगा वो बहुत हृष्ट-पुष्ट और तंदुरुस्त
होगा ।
तीसरा फ़ायदा - वह बच्चा शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
होते रहने के कारण जल्दी बीमार नही पड़ेगा ।
चौथा सबसे बड़ा लाभ - बच्चा बहुत होशियार होता है, बहुत Intelligent और Brilliant होता है, उसका IQ बहुत अच्छा रहता है ।
चूना घुटने, कमर व
कंधे का दर्द ठीक करता है ।
एक खतरनाक बीमारी है Spondylitis वो चूने से ठीक होती है ।
कई बार हमारे रीढ़की हड्डी में जो मनके होते हैं उसमे दुरी बढ़ जाती
है Gap आ जाता
है - ये चूना ही ठीक करता है । अगर आपकी हड्डी टूट जाये तो टूटी हुई हड्डी को
जोड़ने की ताकत सबसे ज्यादा चूने में है । चूना खाइए सुबह को खाली पेट ।
मुंह में ठंडा गरम पानी लगता है तो चूना खाओ बिलकुल ठीक हो जाता है,
मुंह में अगर छाले हो गए है तो चूने का पानी पियो तुरन्त ठीक हो जाता
है ।
शरीर में जब खून कम हो जाये तो चूना जरुर लेना चाहिए, एनीमिया है खून की कमी है
उसकी सबसे अच्छी दवा है ये चूना,
चूना पीते रहो गन्ने के रस में, या संतरे के रस में नही तो सबसे अच्छा है अनार के रस में - अनार के
रस में चूना पिए खून बहुत बढता है , बहुत जल्दी खून बनता है - एक कप अनार का रस गेहूँ के दाने के बराबर
चूना सुबह खाली पेट ।
घुटने में घिसाव आ गया और डॉक्टर कहे के घुटना बदल दो तो भी जरुरत
नही चूना खाते रहिये और हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा पीते रहिये, घुटने बहुत अच्छे से काम
करते रहेंगे ।
ये कुछ महत्वपूर्ण लाभ हैं जो चूने का नियमित सेवन करने वालों को
मिलते रहते हैं किंतु इसके अलावा भी ऐसे अनेकों छोटे-बडे लाभ शरीर को मिलते हैं
जिनमें केल्शियम की कमी के कारण हमारा शरीर किसी न किसी रोग की उत्पत्ति के द्वारा
हमें चिकित्सकों के चक्कर लगवाकर परेशान करता रहता है ।
चूने के प्रयोग में सावधानी मात्र इतनी रखना आवश्यक होती है कि किसी
भी परिस्थिति में चूने का प्रयोग प्रतिदिन गेहूँ के दाने से अधिक मात्रा में नहीं
हो एवं यदि किसी महिला-पुरुष को शरीर में किसी भी प्रकार की पथरी की समस्या यदि
बनी हुई हो तो उन्हें चूने का प्रयोग नहीं करना चाहिये ।
badhiya jankari aur upyogi bhi!
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