उपाय : निम्न रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर) से बचाव के...


          शरीर में रक्त की कमी हो जाने पर अधिकांश स्त्री-पुरुष निम्न रक्तचाप के शिकार हो जाते हैं । शारीरिक निर्बलता की स्थिति में अत्यधिक मानसिक श्रम व भोजन में पौष्टिक खाद्य पदार्थों की कमी से प्रायः यह स्थिति उत्पन्न हो जाती है ।


          निम्न रक्तचाप की स्थिति में रोगी प्रायः घबराहट व थकावट सी महसूस करता है, जब-तब आंखों के आगे अंधेरा सा छा जाता है, स्मरण शक्ति क्षीण हो जाती है, सिर चकराने लगता है और रोगी को लगता है कि वह लडखडाकर गिर पडेगा ।


Read Also-

इससे बचाव के लिये-
          50 ग्राम देशी चने व 10 ग्राम किशमिश को रात्रि में 200 ग्राम पानी में चीनी के बर्तन या कांच के गिलास में गलाकर रख दें व सुबह उन चनों को किशमिश के साथ अच्छी तरह से चबा-चबाकर खाएँ व उस जल को भी पी लें । यदि देशी चने न मिल पावें तो सिर्फ किशमिश ही रात्रि को गलाकर सुबह चबा-चबाकर खा लें । इस विधि से कुछ ही सप्ताह में रक्तचाप सामान्य हो सकता है ।

सहायक उपचार-

          रात्रि के समय बादाम की 3-4 गिरी पानी में गला दें व प्रातः उनका छिलका अलग करके 15-20 ग्राम मक्खन-मिश्री के साथ मिलाकर उन बादाम-गिरी को खाने से निम्न रक्तचार नष्ट होता है ।

          प्रतिदिन आंवले या सेब के मुरब्बे का सेवन निम्न रक्तचाप में बहुत उपयोगी होता है ।

          आँवले के 2 ग्राम रस में 10 ग्राम मधु (शहद) मिलाकर कुछ दिन प्रातःकाल सेवन करने से निम्न रक्तचाप दूर करने में मदद मिलती है ।

          रात्रि में 2-3 छुहारे (खारक) दूध में उबालकर पीने या खजूर खाकर दूध पीते रहने से निम्न रक्तचाप में सुधार होता है ।

खानपान से सम्बन्धित उपचार-

          अदरक के बारीक कटे हुए टुकडों में नींबू का रस व सेंधा नमक मिलाकर किसी कांच के मर्तबान में रख लें । भोजन के पूर्व व उसके अलावा भी थोडी-थोडी मात्रा में दिन में कई बार इस अदरक को खाते रहने से यह रोग दूर रहता होता है ।

          200 ग्राम (तक्र) मट्ठे मे नमक, भुना हुआ जीरा व थोडी सी भुनी हुई हींग मिलाकर प्रतिदिन पीते रहने से इस समस्या के निदान में पर्याप्त मदद मिलती है ।

          खीरा ककडी, मूली, गाजर व टमाटर का सलाद खाते रहने से निम्न रक्तचाप के रोगी को बहुत लाभ होता है ।

Read Also-
मददगार...!
समस्याग्रस्त जीवन
कितना निरर्थक : सोयाबीन खाद्य तेल.

          200 ग्राम टमाटर के रस में थोडी सी कालीमिर्च व नमक मिलाकर पीना लाभदायक होता है । उच्च रक्तचाप में जहाँ नमक के सेवन से रोगी को हानि होती है वहीं निम्न रक्तचाप के रोगियों को नमक के सेवन से लाभ होता है ।

          गाजर के 200 ग्राम रस में पालक का 50 ग्राम रस मिलाकर पीना भी निम्न रक्तचाप के रोगियों के लिये लाभदायक रहता है ।

          निम्न रक्तचाप के रोग में उपचार व बचाव के ये कुछ दादी-नानी के जमाने के नुस्खे हैं जिनमें से हम अपनी सुविधा के मुताबिक खान-पान व उपचार विधि का चुनाव कर रोगी का रोग स्थायी रुप से दूर करने का सफल प्रयास कर सकते हैं ।


सौजन्य : दादी-नानी के घरेलू नुस्खे से साभार..

SHARE

Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
    Blogger Comment
    Facebook Comment

11 टिप्पणियाँ:

  1. बहुत सुन्दर जानकारी दी है आपने.
    आपके नुस्खे सर्वथा हानि रहित और प्रभावी हैं.

    सुशील जी,आपका काफी समय से मेरे ब्लॉग पर आना नहीं हुआ है.
    'सरयू'स्नान के लिए आपका इंतजार है.

    जवाब देंहटाएं
  2. बढ़िया स्वास्थ्यवर्धक जानकारी के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  3. kripya sharab se chutkara pane ke liye bhi kuch batay. aapk badi kripa hogi.

    जवाब देंहटाएं
  4. kripya sharab se chutkara pane ke liye bhi aushadhi bataye. tv per dikhaye jane vale vigyapan se kuch laabh ho sakta hai. kripya jabab de atyant kripa hogi.

    जवाब देंहटाएं
  5. शालिनी मिश्राजी,
    कृपया 2-4 दिन प्रतिक्षा करें ।

    जवाब देंहटाएं

आपकी अमल्य प्रतिक्रियाओं के लिये धन्यवाद...

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...