चिकित्सा के क्षेत्र में जो विभिन्न पद्धतियां
प्रचलित हैं उनमें एक नाम 'बेच
प्लावर रेमेडीज' का भी
मौजूद है । इस चिकित्सा पद्धति के आविष्कारक रहे हैं डा.
एडवर्ड बेच जो लन्दन में प्रमुख
एलोपैथिक डाक्टर थे । इस चिकित्सा पद्धति से असन्तुष्ट होने से उन्होंने
होम्योपैथिक डिग्री प्राप्त की और हो्म्योपैथिक पद्धति से चिकित्सा कार्य करना
शुरु किया । लेकिन शीघ्र ही वे होम्योपैथिक पद्धति से भी असन्तोष का अनुभव करने
लगे और किसी और भी सरल लेकिन सफल चिकित्सा पद्धति की खोज में लग गये । प्रकृति का
अध्ययन करते हुए उनका ध्यान फूलों की तरफ गया । उन्होंने विचार किया कि स्वभावतः
मनुष्य का मन फूलों की तरह कोमल होता है और मूलतः मनुष्य का अन्तर्मन सौम्य, सरल और
भावुक होता है । इसका यह प्राकृतिक रुप मन के जिन छः शत्रुओं से बनता या बिगडता है
उनके नाम हैं काम, क्रोध, मद्, लोभ, मोह और
मत्सर इन्हीं विकारों के प्रभाव से मनुष्य अपना प्राकृतिक स्वरुप याने स्वाभाविक
अवस्था खो देता है । स्वाभाविक अवस्था का होना स्वास्थ्य है और इसे खो देना
अस्वास्थ्य है, रोग है । मनुष्य की स्वाभाविक अवस्था फूलों के
समान है और यदि यह अवस्था बिगड जावे तो इसे सुधारने के लिये फूलों का प्रयोग किया
जा सकता है ।
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सन 1930 से 1936 तक के 6 वर्ष डा. एडवर्ड बेच ने इसी खोज में
गुजार दिये और हजारों फूलों पर रिसर्च करने के बाद 38 प्रकार के फूलों को मनुष्य के विकारों
को दूर करने में सक्षम पाया और इन 38 प्रकार के फूलों से उन्होंने 38 दवाइयां बनाई जो इन्हीं डा. के नाम से
बेच फ्लावर रेमेडीज के नाम से जानी जाने लगी । इन 38 दवाओं में से 5 दवाईयां मिलाकर जो 39वीं दवा बनाई गई उसका नाम "रेस्क्यू रेमेडी" रखा गया क्योंकि यह दवा किसी भी खतरनाक और गम्भीर स्थिति से छुटकारा
(रेस्क्यू) दिलाने वाली है । इन पांचों दवाइयों की संक्षिप्त जानकारी निम्नानुसार
है-
(1) राकरोज (Rockrose)
- यह दवा किसी भी दुर्घटना के कारण
मन में जो डर या दहशत बैठ जाती है उसके असर को दूर करती है । जब किसी भी दुर्घटना
के कारण मन में इतना डर बैठ जाए कि हर समय वही घटना आंखों के सामने घूमती रहे तो
यह दवा बहुत अच्छा काम करती है और मनुष्य शीघ्र ही सामान्य मानसिक अवस्था में आ
जाता है ।
(2) स्टार आफ
बेथलहम (Star of Bathlehem) - यह दवा मानसिक आघात के असर को दूर करती है । कभी-कभी किसी
दुर्घटना में शरीर के भीतर अन्दरुनी चोट लगती है जिसका तत्काल पता नहीं चलता पर
बाद में शरीर में कष्ट पैदा हो जाता है । कई बार ऐसी किसी घटना का मन पर ऐसा गहरा
असर होता है कि कई वर्ष गुजर जाने पर भी उसका असर नहीं जा पाता । उस स्थिति में यह
दवा पूर्ण सकारात्मक प्रभाव मनुष्य के मन मस्तिष्क पर करती है ।
(3) क्लेमेटिस (Clemeties)
- यह दवा तब उपयोगी सिद्ध होती है
जब किसी दुर्घटना के कारण कोई बेहोश हो जाए या अस्वाभाविक रुप से सो जाए, बेसुध हो जाए या कोई कल्पनालोक में खोया
रहकर ख्याली पुलाव पकाता रहता हो तो यह दवा उसे सामान्य मानसिक अवस्था में ले आती
है ।
(4) इम्पेशेंस (Impatience)
- किसी दुर्घटना के बाद की उत्तेजित
अवस्था और चिडचिडेपन की स्थिति इस दवा के सेवन से दूर हो जाती है । जो स्वभाव से
उतावले, जल्दबाद और
किसी भी काम को फटाफट कर डालने की मनोदशा वाले होते हैं उनके लिये यह दवा पूर्ण
उपयुक्त है । ऐसे लोग जल्दबाजी और उतावलेपन के कारण परिणाम की चिन्ता किये बिना ही
काम कर डालते हैं और हमेशा बेसब्र, परेशान और तनावग्रस्त बने रहते हैं फलतः
दुर्घटना के शिकार हो जाया करते हैं । वैसे भी मानसिक तनाव से पीडित होने पर होने
वाली किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त बने ही रहते हैं । यह दवा इनके लिये उपयोगी
साबित होती है ।
(5) चेरीप्लम (Cherryplum)
- किसी दुर्घटना का दिमाग पर ऐसा
भयानक असर हो कि मानसिक संतुलन ही बिगड जावे या व्यक्ति असह्य पीडा से पागलों जैसी
हरकत करने लगे, ओछी हरकतें
करने लगे तो ऐसे निराश मनोरोगी को यह दवा धीरे-धीरे ठीक कर देती है । कई लोग
निराशा के अतिरेक में आत्महत्या कर लेते हैं या फिर सामने वाले की हत्या पर उतारु
हो जाते हैं । ऐसे रोगियों के लिये यह दवा संजीवनी समान असर कर उन्हें धीरे-धीरे
ठीक कर देती है ।
उपर इन पांचों दवाओं के जो-जो
लक्षण बताये गये हैं वे हमारे या हमारे परिवारजन के जीवन में कभी न कभी घटित होते
ही रहते हैं । इन लक्षणों के अनुसार इन पांचों दवाओं को आनुपातिक रुप में मिलाकर
एक मिश्रण तैयार किया गया और इस 39वीं दवा का नाम "रेस्क्यू रेमेडी" रखा गया । यह दवा प्राथमिक उपचार का काम
किस खूबी से दिखलाती है उसके कुछ वास्तविक उदाहरण निम्नानुसार हैं-
एक दिन सडक पर एक व्यक्ति
दूर्घटनाग्रस्त होकर बेहोश हो गया कुछ लोग उसे उठाकर मेरे क्लिनिक में ले आए मैंने
एक कप में थोडा पानी लेकर 5-6 बूंद दवा
रेस्क्यू रेमेडी की उसमें टपकाकर चम्मच से उसके मुंह में डलवाई थोडी सी दवा उसके
होठों पर, कपाल पर और
कान के पीछे भी लगा दी, कुछ ही
क्षणों में उसे होश आ गया और हँसी-खुशी सबको धन्यवाद देकर वह व्यक्ति स्वयं चलकर
वहाँ से चला गया ।
एक तेरह वर्ष की लडकी को पहली बार
मासिक धर्म हुआ तो खून बहता देखकर वह घबराहट के कारण बेहोश हो गई । उसकी माँ मेरे
पास दवाई लेने आई । मैंने वृतांत समझकर उसे रेस्क्यू रेमेडी दे दी । बाद में माँ
ने फोन करके बताया कि दवा देते ही वह लडकी सामान्य हो गई ।
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इस दवा
से सम्बन्धित ऐसे अनेक अनुभव मुझे हो चुके हैं । सुप्रसिद्ध फिल्म स्टार स्व. अशोक
कुमार (दादामुनि) जो होम्योपैथी के प्रकाण्ड विद्वान और शौकिया
चिकित्सक रहे हैं उन्होंने निरोगधाम के लिये दिये एक साक्षात्कार में इस दवा की
ऐसे ही अनेक उदाहरणों द्वारा बहुत प्रशंसा की थी जो निरोगधाम के वसन्त ऋतु अंक 1991 में
प्रकाशित हुई थी । तभी से मैं इस चमत्कारी दवा का प्रयोग रोगियों पर करता आ रहा
हूँ । यह दवा प्रत्येक घर में रखी जानी चाहिये जिससे कि जरुरत के वक्त फौरन
इस्तेमाल की जा सके ।
सुप्रसिद्ध होम्योपैथ डा. विनयकांत
चावला द्वारा निरोगधाम पत्रिका से साभार...
बेहतरीन जानकारी
जवाब देंहटाएंवाह! सुशील जी बहुत अच्छी जानकारी दी है आपने.इस दवा के कोई साइड इफेक्ट भी नोट किये आपने क्या? इस दवा को कैसे और किस पॉवर में इस्तेमाल करना चाहिये.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका हमारा ज्ञान वर्धन करने के लिए.
श्री राकेशजी,
जवाब देंहटाएंजहाँ तक मैंने इस दवा को समझा और प्रयोग किया है न तो इसके कोई साईड इफेक्ट देखने में या विक्रेता के द्वारा बताने में आये हैं और न ही होम्योपैथी की अन्य दवाओं के समान इसमें अलग-अलग पोटेंसी (पावर) ही देखने में आते हैं ।
बहुत ही सुंदर जानकारी दी आप ने, क्या यह क्लेमेटिस नाम की दवा, कोमा मे गये आदमी के काम नही आ सकती? शायद काम आ सके, तो इस को एक बार जरुर आजमाना चाहिये, धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसुशील जी ! आपने बैच फ़्लॉवर दवाओं के बारे में अच्छी जानकारी दी।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया ।
मैंने इन दवाओं का इस्तेमाल लगभग 7 साल पहले शुरू किया था। मैंने जब भी रेस्क्यू दवा का इस्तेमाल किया, मुझे कभी रिज़ल्ट नहीं मिला जबकि ‘चेहरे के कील-मुहांसे‘ दूर करने के लिए क्रैब एपल जब भी दी, मरीज़ को हमेशा फ़ायदा हुआ। आजकल बहुत से युवक-युवतियां कील-मुहांसों के लिए स्किन स्पेशलिस्ट के पास जाकर हज़ारों रूपयों के साथ अपनी सेहत भी गंवा बैठते हैं, उनके लिए आप इस दवा के बारे में भी जानकारी दीजिएगा।
श्री राज भाटिया सा.,
जवाब देंहटाएंआपकी जिज्ञासा क्लेमेटिस के परिचय के मुताबिक सही है । यदि कोमा का ऐसा कोई पेशेन्ट आपकी जानकारी में हो जिस पर आप इसे आजमाना चाहें तो इसलिये अवश्य आजमा सकते हैं कि इसके कोई साईड इफेक्ट तो देखने में आते नहीं हैं । अलबत्ता एकाध बार के प्रयोग से तो कोई सुपरिणाम मिलने से रहा इसलिये कुछ लम्बे समय तक भी प्रयोग जारी रखना पड सकता है ।
अब भाभीजी के कलाई के दर्द में कुछ राहत महसूस हो पाई या नहीं यह जानने की उत्सुकता भी है ।
श्री अनवर जमाल सा.,
जवाब देंहटाएंयदि रेस्क्यू से आपका आशय इसी रेस्क्यू रेमेडी से है तो आपका अनुभव ऐसा हो सकता है मुझे तो असरकारक लगी है । चेहरे के कील-मुंहासे दूर करने के लिये क्रेब एपल या अन्य सम्बन्धित दवा जो अधिक उपयोगी महसूस हो सके उसका विवरण भी समयानुसार मैं अवश्य यहाँ देने का प्रयास करुँगा ।
mujko bhi thora dipression rehta hai med ki poori jankari de
जवाब देंहटाएंबढ़िया जानकारी।
जवाब देंहटाएंरेस्क्यू रेमेडी के बारे में बढ़िया जानकारी दी आपने... आभार!
जवाब देंहटाएंबैच फ्लावर रेमेडी के बारे में और जानकारी दें तो लोगो को फायदा होगा ! एक उपयोगी रचना के लिए आभार आपका सुशील भाई !!
जवाब देंहटाएंआदरणीय सुशील जी मैने आपका लेख रेस्कयू रेमेडी के बारे मे पढा। जानकारी बहुत ही रोचक हैं। एक रोगिणी है जो इलाज के अंतर्गत है डेढ वर्ष पहले जब वह गर्भवती थी वह बार बार बेहोश हो जाती थी हाथ पैर ढीले पड जाते थे।यह सिलसिला अब भी जारी है। उसके दो बच्चे है दोनो नार्मल प्रसव से है।C T Scan औरE EG रिर्पोट भी सामान्य है। पुराना इतिहास भी सही है। अभी होमियोपैथ दवा चला रहा हूँ। मै चाहता हूं कि बैच दवा भी प्रयोग करके देखी जाय।नकारी बहुत ही रोचक हैं। एक रोगिणी है जो इलाज के अंतर्गत है डेढ वर्ष पहले जब वह गर्भवती थी वह बार बार बेहोश हो जाती थी हाथ पैर ढीले पड जाते थे।यह सिलसिला अब भी जारी है। उसके दो बच्चे है दोनो नार्मल प्रसव से है।C T Scan औरE EG रिर्पोट भी सामान्य है। पुराना इतिहास भी सही है। अभी होमियोपैथ दवा चला रहा हूँ। मै चाहता हूं कि बैच दवा भी प्रयोग करके देखी जाय।
जवाब देंहटाएंjsLD;w jsesMh dh iz;ksx fof/k D;k gS\ bldk iz;ksx fdu fdu chekfj;ksa esa fd;k tk ldrk gSA coklhj ¼fQ’kj½ dk mipkj crkus dh d`ik djsaA
जवाब देंहटाएंसर मुझे ipmatience की समस्या है.... कौन सी दवा लूं... और क्या यह होम्योपैथी स्टोर पर मिलेगी
जवाब देंहटाएंआदरणीय सर
जवाब देंहटाएंयहाँ दी हुई impatience नाम की दवा मुझे अपने लिये उपयुक्त जान पड़ती है.... मुझे हर काम बहुत ही जल्दी करने की इच्छा होती है... और लंबे समय से ये समस्या होने के कारण इससे जुड़ी अन्य मानसिक व शारीरिक समस्याएँ भी झेल रहा हूँ....
क्या मुझे ये दवा ले लेनी चाहिए
यदि हां तो कितनी मात्रा व कितने समय तक?
क्या ये होम्योपैथी स्टोर पर मिलेगी
संभव हो तो हिन्दी में बैच फ्लावर रेमेडी और होम्योपैथी से संबंधित किताबें बतायें... मै इसे सीखना चाहता हूँ
D s bohra की लिखी 4-5 किताबे b.jainपब्लिशर से प्रिंट हुई है।आप वह से ले सकते है।onlien site से भी मंगा सकते है।
जवाब देंहटाएंD s bohra की लिखी 4-5 किताबे b.jainपब्लिशर से प्रिंट हुई है।आप वह से ले सकते है।onlien site से भी मंगा सकते है।
जवाब देंहटाएंआप b jain पब्लिसर से प्रकाशित d s bohra की लिखी किताबे ले सकते है हिंदी में।या online साइट से मांग सकते है।
जवाब देंहटाएंकलेमेटिस दवाई सोच विचार खयाली पुलाव के बारे कैसी है
जवाब देंहटाएंकयोंकि मै अगर कोई घर में बिमार है तो पहलेही सोच विचार आगे के आना चालु हो जाते हैं कि रीपोट् मे क्या निकलेगा कही ये तो नहीं कही वो तो नहीं कुछ जानकारी बतलाए सर.
सर रैबिज का इलाज हो तो एक लेख उसपे भी लिखें प्लीज
जवाब देंहटाएंSir agar kisi ko dengeu fever ho jaaye, body par laal chakkte or kanin se bhi bleeding hi jaye, tab kya kiya jaaye jis se uski platelets kam naa hon kyunki allopathic mein patient ko admit karkar sirf or sirf platelets kaise recover hon is par work karte hain jiska mareez se 2000 se 10000 tak ka payment liya jata hai uske baad bhi mareez ki body mein kaafi din tak pain bana rahta hai.
जवाब देंहटाएंSir mujhe har समय heart attack ka dar bna rehta Kya main ise use kar सकता हूं मैं ऑफिस भी जाता हूं तो वहां भी वही ख्याल आता रहता है घर या बाज़ार में बार बार इसी का डर बना रहता है कि कहीं मुझे अटैक ना पड़ जाए और कई बार चक्कर भी आने लगते है ईसीजी करवाया था सब नॉर्मल था बस थोड़ा trigylceride बड़ा हुआ है 221 था
जवाब देंहटाएंResque remedy ये कहाॅ मिलेगी कृपया बताए
जवाब देंहटाएंसर मै trigeminal neuralgia से पिडित हू कृप्या कोई दवा बताये
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