ग्रामीण क्षेत्रों में प्रथम औषधि के रुप में प्रचलित दस विभिन्न जडी-बूटियों
के मेल से निर्मित दशमूलक्वाथ शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने के साथ
ही अनेकों छोटी-बडी समस्याओं के निवारण में निर्विवाद रुप से उपयोगी होता है ।
दशमूलक्वाथ |
दशमूल में मिश्रीत
औषधियां बेल, श्योनाक, गंभारी, पाढ़ल, अरलू, सरिवन, पिठवन, बड़ी कटेरी, छोटी कटेरी और
गिलोय के मिश्रण से बनती हैं और प्रायः इसका उपयोग पसिद्ध आयुर्वेदिक कम्पनियों द्वारा निर्मित काढे (क्वाथ) के रुप में अधिक किया जाता
है । यद्यपि इसका अर्क भी दशमूल अर्क के नाम से बाजार में मिलता है ।
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दशमूलक्वाथ
त्रिदोषनाशक, दमा (श्वास रोग), खांसी, माईग्रेन व सिरदर्द, पसली का दर्द, सूजन, बुखार, अरुचि और अफारा (पेट में गैस) को दूर करता है । स्त्रियों के प्रसवकाल में यह
अत्यंत उपयोगी है ।
इसके द्वारा हमारे
शरीर को कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं जिनमें से निम्न समस्याओं में
इसका उपयोग विशेष रुप से किया जाता है-
कमरदर्द: 10 से 20 मि.ली. दशमूल काढे़ को आधी मात्रा में एरण्ड के तेल के साथ
मिलाकर दिन में 3 बार सेवन करने से कमर दर्द से आराम मिलता है ।
गठिया व सायटिका रोग: घुटने के दर्द व
सायटिका की समस्या में एरण्ड के तेल को दशमूल काढ़े के साथ सेवन करना चाहिए । इससे
रोगी को तुरन्त फायदा मिलता है ।
बहरापन: दशमूल काढ़े को
तेल में पकाकर ठंडा कर लें, फिर इस तेल को चम्मच में लेकर गुनगुना करके 2-2 बूंद करके दोनो कानों में डालने से बहरापन दूर होता है ।
इसके अतिरिक्त चक्कर
आना, चिडचिडापन, खून की कमी, शरीर में सूजन, और सभी प्रकार के शरीर दर्द की समस्या का निदान करता है । वात व कफजनित रोगों के निवारण में विशेष उपयोगी
होता है । अनिद्रा की समस्या को दूर करता है ।
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महिलाओं के लिये
विशेष-
स्त्रियों की मासिक
चक्र की अनियमितता को दूर करता है ।
गर्भधारण में
उपयोगी होने के साथ ही प्रसूतिजन्य रोगों को दूर करता है ।
प्रसूति के
पश्चात् महिलाओं द्वारा इसका सेवन करने से माता के दूध में वृद्धि करता है ।
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 30 जून 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (01-07-2020) को "चिट्टाकारी दिवस बनाम ब्लॉगिंग-डे" (चर्चा अंक-3749) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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बहुत जानवर्द्धक लेख। मां हमेशा रखती हैं घर पर ये
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी देता लेख
सादर नमस्कार
स्वस्थ रहने के लिए उपयोगी जानकारी
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