वर्तमान समय में जहाँ पैसों की चकाचौंध बढी है वहीं जीवनशैली में शॉर्टकट भी तेजी से बढे हैं जिसके परिणामस्वरुप कभी समय की कमी के कारण, कहीं निष्क्रय जीवनशैली के कारण और कहीं स्वाद की प्रमुखता के कारण जंकफूड का चलन भी उतनी ही तेजी से बढा है और हर समय "रेडी-टू-इट" पेटर्न के ये फास्ट जंकफूड हमारे शरीर को मोटापे की सौगात देने के साथ ही समयपूर्व रोगों का घर भी बनाते चले जा रहे हैं ।
बीमारियां जो इस मोटापे के कारण वर्तमान में लोगों को अपनी चपेट में
ले रही हैं उनमें मुख्यतः रक्तवाहिनियों का संकरी होकर ह्रदयरोग, हाइपरटेंशन (तनाव), उच्च कोलेस्ट्रॉल, अर्थाईटिस, जकडन, नपुंसकता व बांझपन, अवसाद (डिप्रेशन), मधुमेह और जीवन में निरन्तर
घटती उर्जा प्रमुख रुप से देखे जा सकते हैं । एक बार इन रोगों की चपेट में आने के
बाद निरन्तर बढते हॉस्पीटल व डॉक्टरों के चिकित्सीय खर्च, धन व समय का तेज गति से
होता अपव्यय और एक दवा के दुष्प्रभाव से उपजी दूसरी बीमारी का निरन्तर गतिमान चक्र
इंसान को अपनी मजबूत जकड से छूटने ही नहीं देता ।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (13-04-2016) को "मुँह के अंदर कुछ और" (चर्चा अंक-2311) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'