किसी भी प्रकार की भीतरी और बाहरी सूजन
को दूर करने, दर्द और
गैस को दूर करने के लिए उपयोगी निर्गुण्डी जिसे कहीं-कहीं नेगड के नाम से भी जाना जाता है, की जितनी भी तारीफ की जाए वह कम है ।
प्रयोग- इसके पत्तों को पानी में उबालें । पर्याप्त गर्म होने के बाद जब अच्छी भाप उठने लगे तब बरतन पर जाली रख दें । दो छोटे कपड़े पानी में भिगोकर निचोड़ ले । तह करके एक के बाद एक जाली पर रख कर गर्म करें । सूजन या दर्द के स्थान पर रख कर सेंक करें ।
इसका पौधा सारे भारत मे, विशेषकर गर्म प्रदेशों में पाया जाता है
। इसके पौधे से तीव्र
और अरूचिकर गंध आती है । अधिक पहचान के लिये इसके पत्तों को तीन-तीन के छोटे-छोटे
समूहों में देखकर भी आसानी से पहचाना जा सकता है । इसका सबसे ज्यादा उपयोग सूजन
दूर करने में किया जाता है । हर प्रकार की सूजन दूर करने के लिए प्रयोग विधि इस
प्रकार है ।
प्रयोग- इसके पत्तों को पानी में उबालें । पर्याप्त गर्म होने के बाद जब अच्छी भाप उठने लगे तब बरतन पर जाली रख दें । दो छोटे कपड़े पानी में भिगोकर निचोड़ ले । तह करके एक के बाद एक जाली पर रख कर गर्म करें । सूजन या दर्द के स्थान पर रख कर सेंक करें ।
चोंट-मोंच का दर्द, जोड़ों का दर्द, कमर दर्द और वात प्रकोप के कारण होने
वाला दर्द दूर करने के लिए भी यही उपाय बहुत गुणकारी है।
कफ, बुखार व फेफड़ों में सूजन को दूर करने
के लिए इसके पत्तों का रस निकालकर 2 बड़े चम्मच मात्रा में, 2 ग्राम पिसी पिप्पली मिलाकर दिन में दो
बार सुबह शाम पीने व पत्तों को गर्म कर पीठ पर या छाती पर बांधने से शीघ्र आराम
होता है ।
बहुत उपयोगी सलाह दी आपने.
जवाब देंहटाएंरामराम.
I like this your article and I am owner of www.jkhealthworld.com
हटाएं