शंखपुष्पी, ब्राम्ही, जटामांसी, असगन्ध, शतावरी, मुलहठी, आंवला और असली खुरासानी अजवायन सब 50-50 ग्राम.
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उक्त सभी
द्रव्यों को पंसारी या जडीबूटी विक्रेता से खरीदकर सबको अलग-अलग कूट पीसकर महीन
चूर्ण करने के बाद सबको आपस में मिलाकर मैदा छानने की छन्नी से तीन बार छानकर
(जिससे की सभी द्रव्य पूरी तरह से एक जान हो जावें) इस चूर्ण को एय़रटाईट शीशी या
डिब्बी में भरकर रखलें और प्रतिदिन रात को सोने से एक घंटे पहले एक गिलास मीठे
कुनकुने दूध के साथ 4 ग्राम
मात्रा (चाय के पौन चम्मच) के करीब फांककर दूध पी लें ।
लाभ- लगभग दो सप्ताह में शरीर के स्नायविक संस्थान व मस्तिष्क पर इस चूर्ण
का ऐसा प्रभाव पडने लगता है कि न सिर्फ गहरी स्वाभाविक नींद समय पर आने लगती है
बल्कि सुबह उठते वक्त आप स्वयं को पूरी तरह से तरोताजा महसूस करते हुए उठते हैं ।
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नींद तो
आपको नींद की गोलियों के सेवन से भी आ जाती है, किन्तु उसके प्रयोग से आने वाली
नींद न सिर्फ आपको बेहोशी की नींद सुलाती है जिससे सुबह शरीर बुरी तरह से टूटता सा
महसूस होता है बल्कि उनके लगातार प्रयोग से शरीर धीरे-धीरे नाना प्रकार की
ज्ञात-अज्ञात बीमारियों की गिरफ्त में भी आता चला जाता है जबकि इस
चूर्ण में मौजूद उपरोक्त घटक द्रव्यों के प्रयोग से सेवनकर्ता की बुद्धि और
स्मरणशक्ति का भी पर्याप्त विकास होता है । एक बार सेवन करने के पश्चात इस
चूर्ण को 3 माह बाद
लेना आप बन्द करदें ।
यदि आप उपरोक्त सामग्री को शुद्ध
स्वरुप में अपने क्षेत्र में नहीं जुटा पा रहे हों तो मेरे ई-मेल एड्रेस पर या
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अच्छा उपाय हैं, कभी जरुरत पड़ी तो जरुर आजमाएंगे.
जवाब देंहटाएंकई लोग सोने के लिए कोई बोझिल सी किताब लेकर बैठ जाते हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा उपाय बतलाया है ,धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआभार इस उपाय का.
जवाब देंहटाएंबहुत ही उपयोगी सुझाव। आभार।
जवाब देंहटाएं---------
अंतरिक्ष में वैलेंटाइन डे।
अंधविश्वास:महिलाएं बदनाम क्यों हैं?
उपयोगी जानकारी के लिए आभार...
जवाब देंहटाएंबहुत उपयोगी नुस्खा है। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंब्लागराग : क्या मैं खुश हो सकता हूँ ?
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