जीवन के 55 वर्ष पूर्ण हो चुकने पर
प्रौढावस्था का प्रारम्भ मानते हुए अपनी दिनचर्या में सरलता व नियमितता लाने का
प्रयास हमारे हर आते कल के लिये उपयोगी हो सकता है । इसके लिये कुछ सामान्य प्रयास
श्रेयस्कर हैं-
Click & Read Also-
प्रौढावस्था
में प्रातः सूर्योदय से पहले यथासम्भव फ्रेश होकर टहलने के लिये निकल जाने का
प्रयास करें । इस आयु में दिनचर्या का पालन अनिवार्य रुप से करने की कोशिश करें ।
सुबह और शाम 2-3 किलोमीटर या सरलता से जितना टहल सकें उतना टहलने का अथवा
हल्का-फुल्का योग व प्राणायाम करने का प्रयास करें । सुबह खाली पेट एक चम्मच साबुत
मैथीदाना पानी के साथ बिना चबाए निगल लिया करें और भोजन के बाद द्राक्षासव, अमृतारिष्ट और अश्वगंधारिष्ट
तीनों को चाय के 2-2 चम्मच मात्रा में आधा कप पानी में डालकर दोनों वक्त सेवन कर लिया
करें । गरिष्ठ व अधिक तेल मसालेदार भोजन से बचने का प्रयास करते हुए सामान्य भोजन
ठीक वक्त पर खूब चबा-चबाकर करें । कम से कम 8 से 10 गिलास पानी प्रतिदिन अनिवार्य
रुप से पीने की आदत बनावें ।
इस
अवस्था में आने तक जो भी काम हम कर रहे हों उसे बिना किसी तनाव के आराम से और अपने
समय का रचनात्मक उपयोग करने के निमित्त की मनोवृत्ति रखकर करना अच्छा होता है ।
इसके साथ ही शेष रहे जीवन के सुख के लिये लिये अपनी बचत को मितव्ययिता के साथ अपने
पास सुरक्षित रखते हुए यथासम्भव क्रोध चिन्ता, मानसिक तनाव, लोभ और ईष्र्या के मनोभावों से
बचने का प्रयास करें और यह सोचकर मानसिक रुप से अनावश्यक मोह-माया व लालसा को
त्याग देने की कोशिश करें कि एक दिन तो सब छोडकर चल ही देना है ।
Click & Read Also-
रात को
सोते समय एक गिलास दूध में आधा चम्मच पिसी सौंठ और एक अंजीर काटकर चार टुकडे करके
डालकर उबालें । आधा घंटे बाद उतार लें और कुनकुना गर्म रहे तब अंजीर चबा-चबाकर
खाते हुए घूंट-घूंट करके यह दूध पिएं । पेट पूरी तरह साफ न होता हो तो इस दूध के
साथ दो चम्मच इसबगोल की भूसी ले लिया करें । भारी और चिकनाईयुक्त खाध्य पदार्थों
के सेवन से यथासम्भव बचने का प्रयास करें ।
वर्तमान
समय में 65-70 वर्ष की गुजरती उम्र को विभिन्न पडावों पर ईश्वर प्रदत्त बढता हुआ
बोनस मानकर आनन्दपूर्वक जीवन व्यतीत करें ।
शरीर-स्वास्थ्य से जुडी नवीनतम जानकारियों के लिये नीचे की लिंक क्लिक करें व देखें हमारा नया ब्लॉग…
स्वास्थ्य सुख
सुंदर पोस्ट।
जवाब देंहटाएंअमल करते हैंय़
आपने बहुत अच्छे नुस्खे बताए हैं। आजकल मैं भी मौसमी खांसी के कारण पीपर,सोंठ और काली मिर्च का मिश्रण शहद के साथ ले रही हूं। इससे बहुत लाभ हुआ है।
जवाब देंहटाएंसुशील जी, इस शुभ प्रयास के लिए हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएं---------
क्या आपको मालूम है कि हिन्दी के सर्वाधिक चर्चित ब्लॉग कौन से हैं?
जाकिर अली 'रजनीश' साहेब,
जवाब देंहटाएंअभी तक तो मालूम नहीं है । आप बता सकें तो कुछ ज्ञानवर्द्धन मेरा भी हो सकेगा ।
Beautiful and informative post .
जवाब देंहटाएं