इस समय देश भर में
सूरज आग उगलते हुए अपनी प्रखर तेज किरणों से वायुमंडल में तापमान व रुखापन बढाकर
मनुष्यों के शरीर के ताप की भी निरन्तर वृद्धि कर रहा है जिसके कारण थोडी भी
लापरवाही से शरीर में निर्जलीकरण, लू लगना, चक्कर आना, घबराहट, नकसीर
फूटना, उल्टी-दस्त जैसी कई
समस्याएँ और बीमारियाँ आम तौर पर बढ रही हैं-
इन बीमारियों के होने के प्रमुख कारण-
1. गर्मी
के मौसम में खुले शरीर, नंगे सर, नंगे पांव धूप में चलना ।
2. तेज
गर्मी में घर से खाली पेट अथवा प्यासी अवस्था में घर से निकलना ।
3. कूलर
या एअर-कंडीशनर से निकलकर तुरंत धूप में निकल जाना ।
4. धूप
से आते ही तुरंत ठंडा पानी पीना या तत्काल एअर-कंडीशनर अथवा कूलर में बैठ जाना ।
5. तेज
मिर्च-मसाले, बहुत गर्म खाना और
अधिक चाय पीना ।
6. सूती
ढीले कपडों के स्थान पर सिंथेटीक व कसे हुए कपडे पहनना ।
कुछ
छोटी-छोटी किंतु महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखकर हम इन समस्याओं से बचते हुए
इस मौसम का भी आनंद ले सकते हैं-
गर्मी
में मधुर, शीतल व ठंडे द्रव के
खान-पान को अधिक प्राथमिकता दें । घर से जब भी निकलें कुछ खाकर व पानी पीकर ही
निकलें . भूखे पेट घर से नहीं निकलें । इस मौसम में ज्यादा भारी व बासी भोजन न
करें क्योंकि हमारी जठराग्नि इस समय मंद रहती है इसलिये भारी खाना पूरी तरह से पचा
नहीं पाती और जरुरत से ज्यादा भारी खाना खाने पर उल्टी-दस्त की समस्या हो सकती हैं
। इस मौसम में सूती व हल्के रंग के कपडों को ही प्राथमिकता देना चाहिये । सिर व
चेहरे को रुमाल, केप अथवा टोपी से
ढंककर ही निकलना चाहिये । प्याज का सेवन करना चाहिये । ठंडा मतलब आम, केरी का पना, खस,
चंदन, गुलाब, संतरे
का शर्बत, दही की लस्सी, मट्ठा, छाछ
आदि का सेवन अधिक मात्रा में करते रहना चाहिये ।
वैसे हमारे मजाकिया
भाईयों की नजर में यह मौसम भी
इस रुप में परिभाषित
है-
चित्र सौजन्य - WhatsApp
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें
आपकी अमल्य प्रतिक्रियाओं के लिये धन्यवाद...