आज 30 अक्टूबर को पिछले वर्ष 2010 में इस ब्लागजगत से इसी ब्लाग के माध्यम
से विधिवत जुडने की शुरुआत हुई थी । बाद में विषय को अलग-अलग रखने के प्रयास में
दो अन्य ब्लाग जिन्दगी
के रंग और नजरिया मेरे द्वारा और बनाये गये । शुरु में
ऐसा भी लगा कि यह ब्लाग बुरी तरह से पिछड रहा है और पाठकों का ऐसी स्वास्थ्योपयोगी
जानकारी में कोई विशेष रुझान देखने में नहीं आता इसके प्रमाण रुप में मासिक आंकडे
मेरे सामने दिख रहे थे-
दिसम्बर-जनवरी के माह में जहाँ इसके बाद प्रारम्भ
होने वाले ब्लाग नजरिया पर 41
फालोअर्स के साथ 2345 पाठक आये और जिन्दगी के रंग में 10 फालोअर्स के साथ 1207
पाठक आये वहीं इस ब्लाग पर मात्र 5 फालोअर्स के साथ कुल 483 पाठक ही अपनी उपस्थिति दर्ज करवा पाये । बाद के
क्वार्टर में मार्च माह के अंत तक यही संख्या जहाँ नजरिया ब्लाग पर 95
फालोअर्स के साथ 7865 पाठकों तक और जिन्दगी के रंग में 37 फालोअर्स के साथ 3312
पाठकों तक जा पहुँची तब भी इस स्वास्थ्य-सुख ब्लाग में यह संख्या मात्र 24 फालोअर्स के साथ 2139 पाठकों तक ही पहुँच पाई और संख्याओं का यही अन्तर इन
ब्लाग्स पर प्राप्त टिप्पणियों की संख्या में भी दिखाई दिया । लेकिन...
इसके बाद जो तस्वीर बदली तो इस ब्लाग के पाठक
दिन-ब-दिन दूसरे दोनों ब्लाग की तुलना में इस तेजी से आगे बढना प्रारम्भ हुए कि आज
यह संख्या नजरिया ब्लाग पर बेशक 297 फालोअर्स के साथ 22783
पाठकों की व जिन्दगी के रंग ब्लाग पर 56 फालोअर्स के साश 7953
पाठकों की दिखाई दे रही है किन्तु इस ब्लाग पर
फालोअर्स भले ही अभी तक 69
दिख रहे हों पर पाठक संख्या में यही ब्लाग
सबसे आगे आकर 27422
पाठकों तक पहुँच चुका है । वह भी तब जबकि नजरिया ब्लाग पर कुल पोस्ट 77 और जिन्दगी के रंग ब्लाग पर कुल पोस्ट 61 प्रसारित हुई है और इस ब्लाग पर अभी तक कुल पोस्ट
संख्या 32
के पार भी नहीं पहुँच सकी है ।
निःसंदेह उन्नति के ग्राफ पर ये कोई फख्र करने
योग्य आंकडे भले ही नहीं हों किन्तु मेरी वर्तमान कार्य-शैली मं पाठकों की यह
आमदरफ्त भी मेरे लिये पर्याप्त संतोषप्रद हैं और इस रुप में आप सभी से जो जुडाव
बना हुआ है वह आगे भी आपके ऐसे ही सहयोग से चलता रह सकेगा यही आशा है ।
अपने सभी पाठकों, समर्थकों व इस ब्लाग की विशेष चयनित पोस्टों को
चर्चा के माध्यम से अधिक पाठकों तक पहुँचा सकने वाले स्नेही साथियों के साथ ही सभी
टिप्पणीकर्ताओं के प्रति अनेकों धन्यवाद सहित...
बहुत बधाई....
जवाब देंहटाएंसुशील जी, आपको बहुत बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी मिलती है आपके ब्लॉग पर आकर.
ईश्वर से दुआ है कि अपने सुन्दर सद् लेखन से ब्लॉग
जगत को आप हमेशा हमेशा लाभान्वित करते रहें.
समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर भी आईयेगा.
जानकारीपरक ब्लोगों में से एक है आपका ब्लॉग , बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम
बधाई हो।
जवाब देंहटाएंताऊ भी अवतरित हुए।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई .. आगे भी आपकी यात्रा संतोषजनक बनी रहे !!
जवाब देंहटाएंNa to har paathak tippanikaar hota hai,na har tippanikaar anivarya paathak hota hai.Follower banna-na banna bhi bloggeron ka maamla hai,jabki asli paathak blog jagat se itar,kisi search engine ke sahare blog tak aate hain.In gafalaton se baahar nikalte hi blogging mazedaar ban jati hai.Shubhkamnayen.
जवाब देंहटाएंहमारी ओर से भी बधाई स्वीकारें ।
जवाब देंहटाएंसुशिल जी हमको कुछ पित्त के विकार के घेरलू उपचार बताएं सर्दी में मुजको और मेरे पापा दोनों को कुछ सालो से बलगम की तकलीफ रहने लगी है
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई :)
जवाब देंहटाएंGyan Darpan
RajputsParinay
बहुत बधाई !
जवाब देंहटाएंbadhai hamra bhi ... bhai
जवाब देंहटाएंsadar.
देर से ही सही शुभकामनाएँ!
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