जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिये लक्ष्य निधार्रित कर उन्हें हासिल करने का लगातार प्रयास करना होता है । डायबिटीज भी जीवन की एक ऐसी परिस्थिति है जिस पर विजय प्राप्त करने के लिये निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने होते हैं । इन लक्ष्यों का निर्धारण अनेक शोधों के आधार पर किया गया है ।
यदि डायबिटीज के सभी मरीजों में चिकित्सा लक्ष्य आधारित हो जावे तो अनेक गंभीर दुष्परिणामों से बचा जा सकता है । डायबिटीज में तीन तरह के टारगेट हासिल करने होते हैं । पहला ग्लुकोज टारगेट, दूसरा रक्तचाप या ब्लड-प्रेशर टारगेट एवं तीसरा कोलेस्ट्रोल टारगेट । ग्लुकोज के लिये भूखे पेट ग्लुकोज 80 से 120, भोजन के दो घंटे बाद का ग्लुकोज 120 से 180 एवं एचबीए1सी (HbA1C) 7 से कम का लक्ष्य निर्धारित है । ब्लड-प्रेशर 130/80 या कम का लक्ष्य वहीं कोलेस्ट्रोल 200 से कम एवं एलडीएल कोलेस्ट्रोल 100 से कम का लक्ष्य निर्धारित है ।
अधिकांश मरीज डायबिटीज के इस रहस्य को या तो नहीं जानते या जानकर भी अनदेखा कर देते हैं । फिर वे जब तक जागते हैं तब तक सवेरा नहीं बल्कि अंधेरा हो चुका होता है ।
डा. सुनिल एम. जैन (दैनिक भास्कर इन्दौर) से साभार.
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